बहुत दिनों से यह आशंका जताई जा रही थी कि अमेरिका ईरान पर हमला करेगा और अमेरिका ईरान को बार-बार समझ रहा था लेकिन ईरान ने अमेरिका को यह चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिका उसे पर हमला करेगा तो ईरान भी बदले में अमेरिका को जवाब जरूर देगा
ईरान की तीन Nuclear Site पर अमेरिका का हमला
जिस बात का अंदेशा था वह हो गया है 21-22 जून की मध्य रात्रि अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर जगह फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला और बमबारी की उसके बाद सुबह 5:30 बजे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट डाला और उसमें कहा कि ईरान को अब शांति समझौते के लिए मनाना होगा वरना उस पर और बड़ी कार्रवाई हो सकती है इसके बाद सुबह 7:30 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश को संबोधित करते हुए कहा अगर ईरान समझौते के लिए मान जाता है तो अच्छी बात होगी वरना अब आगे की कार्रवाई हमारे लिए आसान होगी क्योंकि न्यूक्लियर साइट को तबाह करना हमारे लिए थोड़ा जोखिम भरा काम था और साथ ही उन्होंने इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की तारीफ की और यह कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है जिस प्रकार अपने ईरान पर हमला किया है
तुमने शुरूआत कि है पर खत्म हम करेंगे ईरान का इसराइल और अमेरिका को जवाब
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट ध्वस्त करके युद्ध में सीधे तौर पर इजरायल के साथ खड़ा हो गया है और उधर ईरान के सर्वोच्च नेता खामनेई ने अमेरिका को चेतावनी दी है की अमेरिका पहले से कहीं ज्यादा झटका की उम्मीद करनी चाहिए ईरान के सरकारी टेलीविजन ने अमेरिका को धमकी दी है कि पश्चिमी एशिया क्षेत्र में हर अमेरिकी नागरिक या सैन्य कर्मी अब उसके टारगेट पर है ईरानी स्टेट टेलीविजन ने कहा अमेरिका ने ईरान की हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करके ईरान के खिलाफ बड़ा अपराध किया है पश्चिम एशिया क्षेत्र में इसकी कोई जगह नहीं है उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति को कहा की अपने इस शुरू किया है लेकिन खत्म हम करेंगे बताया जा रहा है कि ईरान जवाबी कार्रवाई में अमेरिका के मिडिल ईस्ट सेन्य ठिकानों को तबाह कर सकता है यदि अगर ऐसा होता है तो यह जंग नया मोड़ ले लेगी क्योंकि ट्रंप ने ईरान को कोई भी कदम ना उठाने को कहा है वही ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला होने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बहुत खुश है
इसराइल के प्रधानमंत्री ने की डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ
इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुनिया का और कोई भी देश नहीं कर सकता था यह सिर्फ अमेरिका ही कर सकता था उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात को याद रखेगी कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के सबसे खतरनाक शासन को दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों से जरूरी दूर रखने के लिए जरूरी कदम उठाया था