हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार ने सरकारी भर्तियों में कॉन्ट्रैक्ट पॉलिसी को खत्म कर दिया है और अब इसकी जगह 2 साल के लिए ट्रेनिंग ऑफिसर या ट्रेनिंग कर्मचारी रखे जाएंगे और फिर उसके बाद इन्हें पक्का किया जाएगा और हिमाचल प्रदेश में आने वाले समय में भरती भरतीयों की फीस को लेकर भी एक अपडेट आ सकता है भरतीयों में आवेदन करने की फीस बढ़ाई जाएगी आपको बता देंगे सारी तैयारी नई भर्तियों को निकालने के लिए की जा रही है अगर कॉन्ट्रैक्ट पॉलिसी की बात करें तो सरकार की मंशा यह थी कि कॉन्ट्रैक्ट पॉलिसी को 5 साल का किया जाए लेकिन जब आज की कैबिनेट मीटिंग हुई तो कानून के सलाहकारों ने सरकार को यह सलाह दी कि हम इसको कोर्ट में डिपेंड नहीं कर पाएंगे और 5 साल तक प्रोविजन पीरियड को खींचना संभव नहीं होगा इसलिए कर्मचारियों को 2 साल के लिए ट्रेनिंग ऑफिसर या ट्रेनिंग कर्मचारी ही रखा जाए