पहाड़ों पर 5 दिन पहले ही पहुंच गया मानसून मगर अब इसके क्या परिणाम होंगे जोरदार बारिश आईएमडी ने की है स्पष्ट भविष्यवाणी इस बार मानसून हिमाचल समय से पहले आयेगा ,आइए समझते हैं इस बार मानसून का असर पर्यटन कृषि पर इस बार के मानसून का क्या प्रभाव होगा
Himachal : IMD का हिमाचल अलर्ट: पहले आया Monsoon, आफत या राहत
बारिश अगर समय पर हो तो इसे वरदान मानते हैं अगर यही बारिश जब समय से पहले हो और बिना रुके बारिश होने लगे तो यह चिंताजनक विषय बन जाता है आजकल ऐसा ही कुछ आपको हिमाचल प्रदेश में देखने को मिल रहा होगा मानसून 25 जून को आना था मगर मानसून ने 5 दिन पहले ही दस्तक दे दी यानी इस बार प्रकृति ने समय से पहले ही गेट खोल दिए, नतीजा तेज बारिश लैंड स्लाइड के घटना और नदियों नालों में उफान पर है और बाढ़ जैसे हालात मौसम विभाग का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है 22 जून से लेकर 27 जून तक राज्य में हर दिन बारिश होगी कहीं हल्की तो कहीं मूसलाधार बारिश होगी
कांगड़ा हमीरपुर शिमला सोलन मंडी सिरमौर उना बिलासपुर कल्लू और चंबा लगभग पूरा हिमाचल इस समय अलर्ट पर है आईएमडी का कहना है कि मानसून हिमाचल के कई हिस्सों में समय से पहले ही प्रवेश कर चुका है अगर मानसून की रफ्तार ऐसे ही रही तो कल पूरे हिमाचल में पहुंच सकता है वही 22 जून से कांगड़ा, हमीरपुर, शिमला, मंडी और सोलन में ऑरेंज अलर्ट जारी है फिर 23 को फिर कांगड़ा और उना जिले में ऑरेंज अलर्ट है इसके बाद 24 को थोड़ी सी रहता है बारिश की चेतावनी जारी हुई है यही इसके बाद 26 और 27 को भी भारी बारिश के संकेत है दिए गए हैं
समय से पहले क्यों हिमाचल प्रदेश में मानसून आया
यदि वैज्ञानिक तरीके से बात करें तो ऐसा नहीं है कि मौसम वैज्ञानिक इस बार की बारिश को लेकर हैरान है जून की शुरुआत में ही मौसम विभाग ने यह अनुमान लगाया था और वैसा ही हुआ इस बार मानसून जल्दी आ गया और इस बार मानसून केरल में भी पहले आया था और केरल में मानसून जल्दी पहुंचाना और भारत के बाकी हिस्सों में भी मानसून पहले दस्तक दे देना और यही सिलसिला हिमाचल तक पहुंचा
विशेषज्ञ बताते हैं दक्षिणी पश्चिमी मानसून एक मौसमी हवा है हिंद महासागर और अरब सागर से होकर भारत पहुंचती है जब भारतीय भूमि गर्म होती है तो वहां पर कम दबाब का क्षेत्र बनता है यह कम दबाव समुद्र से नम हवाओं को खींचता है और जब यह हवाई टकराती है तो बारिश होती है जून के महीने में अरब सागर गर्म हो जाता है जिसे नमी भरी हवाए बनती है यही हवाएं मानसून को हमारे हिमाचल तक लेकर आती हैं लेकिन इन हवाओं की चाल भी कई बार बदल जाती है कभी यह हवाएं दक्षिणी विकसित से टकरा जाती है कभी मानसून ट्रफ उत्तर दक्षिण की ओर खिसकने लगता है और इसी कारण से कहीं जोरदार बारिश हो जाती है और कहीं सूखा पड़ जाता है
हिमाचल में मानसून जल्दी आना क्या जलवायु परिवर्तन का संकेत है
हिमाचल में मानसून की बात करें तो यहां पर मानसून के आने की तारीख 25 जून मानी जाती है पर इस बार 21 जून को ही आ पहुंचा अगर हिमाचल में मानसून जल्दी आने की बात करें तो ऐसा पहले दो बार हो चुका है एक बार सन 2000 में और उसके बाद 2021 में जून के दूसरे हफ्ते में ही मानसून ने दस्तक दे दी थी और अब 2025 में अभी कुछ वैसा ही हो रहा है अब ऐसे में देखना यह होगा कि इस बार मानसून हिमाचल प्रदेश को क्या देखकर जाएगा अब ऐसे में देखना यह होगा कि इस बार मानसून हिमाचल प्रदेश में तबाही करेगा या एक अच्छा मानसून देकर जाएगा क्योंकि
हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय में मानसून ने बहुत तबाही करी है इसलिए सरकार भी समय-समय पर चेतावनी देती रहती है कि खराब मौसम में नदी नालों से दूर रहे, जानकार बताते हैं कि अच्छी बारिश होने से ममक्की, सेब औ धान जैसी फसलों में अधिक पैदावार होती है अगर यही बारिश जरूर से ज्यादा हुई तो खेतों में जल भराव और मिट्टी कटाव और लैंडस्लाइड बीज सड़ने जैसी दिक्कतें भी सामने आती है